THE SMART TRICK OF STORY IN HINDI THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of Story in hindi That Nobody is Discussing

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अब जब उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला तब वो वापस उस खरगोश को खाने के विषय में सोचा। वहीँ जब वो वापस उसी स्थान में आया था उसे वहां पर कोई भी खरगोश नहीं मिला क्यूंकि वो वहां से जा चूका था। अब शेर काफ़ी दुखी हुआ और बहुत दिनों तक उसे get more info भूखा ही रहना पड़ा।

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जिद के कारण दुर्भाग्य झेलने से बेहतर है कि झुक कर परिस्तिथि को समझें और उस हिसाब से काम करें।

जब गाँव वालों ने उसकी चीख सुनी, तो वे भेड़िये को भगाने के लिए पहाड़ी पर दौड़ते हुए आए। लेकिन, जब वे पहुंचे, तो उन्होंने कोई भेड़िया नहीं देखा। उनके गुस्से वाले चेहरों को देखकर लड़का खुश हो गया। उसे यह देखकर मज़ा आया।

तुमने अपनी पत्नी के बहकावे में आक़ार मेरे भरोसे को तोड़ा है। अब हम फिर कभी दोस्त नहीं बन सकते!” बंदर ने अपने दोस्त से कहा। 

उस दिन दोनों जानवर भूखे थे। जैसे ही रात हुई, गीदड़ ने सुझाव दिया कि वे वापस सब्जी के बगीचे में चले जाएँ, ताकि उन्हें फिर से भर पेट खाने को मिले। 

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की मिल-जुलकर रहने और एक दूसरे की मदद करने से हमेशा मुश्किलों पर जीत हासिल की जा सकती है।

एक चिलचिलाती गर्मी, रेगिस्तान सूख गया, और पौधों के लिए पानी नहीं बचा। गुलाब जल्दी मुरझाने लगा। उसकी सुंदर पंखुड़ियाँ सूख गईं, अपना रसीला रंग खो दिया।

बाद में, लड़के ने एक असली भेड़िये को अपने झुंड के तरफ़ आते देखा। घबराए हुए, वह अपने पैरों पर कूद गया और जितना जोर से चिल्ला सकता था, चिल्लाया, “भेड़िया!

बच्चों के लिए हिंदी कहानियाँ सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि शिक्षा का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम हैं। ये कहानियाँ बच्चों को नैतिक शिक्षा और प्रेरणा प्रदान करती हैं, साथ ही उन्हें जीवन जीने का सही तरीका भी सिखाती हैं।

नदी के भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे सोने और चांदी की दोनों कुल्हाड़ियों से भेंट किया।

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की सब्र से अगर किसी कार्य को किया जाए तब उस कार्य में सफलता ज़रूर मिलती है।

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक सच्चा दोस्त बुरी परिस्तिथि में भी आपको अकेला छोड़कर नहीं चला जाएगा। वो हर हाल में आपका साथ देगा, और हर मुश्किल में आपके पास खड़ा रहेगा।

किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमें हमेशा कठिनाई का सामना करना चाहिए और आशा नहीं खोना चाहिए। याद रखें की, एकता में ही बल है!

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